सन 2025। श्रीनगर स्टेडियम। टी-20 वर्ल्ड कप। पाकिस्तान वि इंग्लैंड। पाक के खिलाड़ियों में विराट कोहली और शिखर धवन दिखाए गए। एक परिवार उस मैच को देख रहा है। छोटी बच्ची जिसने हिजाब पहना है, वो बोलती है कि देखना आज का मैच विराट ही जिताएगा। पिता जो वहीं बैठा है, अपने बेटे से बोलता है कि विराट पहले इंडिया की तरफ से खेलता था। बेटा आश्चर्य से पूछता है, कौन इंडिया? जिसके जवाब में पिता एक शैतानी हंसी हंसता है और पाकिस्तान की महानता बखानता गाने के साथ इस विज्ञापन का अंत हो जाता है।
पाकिस्तान में मई 2017 में छपी एक खबर के अनुसार वहाँ करीब 8 करोड़ लोग मानसिक तौर पर बीमार है। यह बात वहाँ की मनोचिकित्सक ने बोली है। पर आज अगर कोई सर्वे किया जाए, तो यह तादाद ज्यादा होगी। पिछले 1 महीने में तो कई गुना बढ़ गयी होगी, गारंटीड। सबूत, ऊपर दिया गया किस्सा।
मतलब हद है मूर्खता की। दुनिया मे मानिसक दिवालियापन इस देश ने जितना दिखाया है उतना किसी ने भी नहीं। कश्मीर से धारा क्या हटी, इनकी जैसे सांसे खींच ली हो। हर नेता, भले वो प्रधानमंत्री हो, राष्ट्रपति हो या उनका उभरता सितारा रेलमंत्री। सबने एक से एक लतीफे सुनाए है इस एक महीने में। जितना मैं अगस्त माह में हंसा हूँ, इतना शायद ढंग से जीवन में नहीं हंसा हूँगा।
बिना लॉजिक की बातों में महारत हासिल की है जिसने, उससे और कोई उम्मीद रखना बेईमानी होगी। उपरोक्त विज्ञापन में कुछ सवाल मेरे ज़ेहन में आये जो वैसे तो फ़ालतू है पूछना, फिर भी पूछने की हिमाकत करूँगा। सबसे पहले तो यह, की ग़ज़वा-ए-हिन्द, जिसकी तरफ यह विज्ञापन इशारा करता है, उसका दूसरा मकसद हिंदुस्तान में सभी को इस्लाम कबूल करवाना है, तो विराट या शिखर को हिन्दू रहने दिया जाएगा? दूसरा क्या उनको तब खेलने दिया जाएगा? सवाल तो और है, पर अभी सिर्फ दो।
सबसे मजेदार तो फेक न्यूज़ की जो बहार वो लेकर आये वो बात है। कहाँ कहाँ से वीडियो उठाये है, रोज़ एक वीडियो डालते है और कुछ ही घंटों में, अगर मिनिटों नहीं, वो फेक साबित हो जाता है। हर बड़ा अधिकारी इनको पोस्ट कर रहा था, ट्विटर-फेसबुक पर। ट्वीटर ने तो एक नोटिस भेजकर उनके राष्ट्रपति की इज़्ज़त अफ़ज़ाई भी की थी। 300 से ज्यादा एकाउंट बंद कर दिए वहाँ। अब जब कश्मीर में सारे कम्युनिकेशन बंद पड़े है, तो इन्हें कौन-सी क्रांतिकारी तकनीक से वीडियो मिले है, यह मैं जानना चाहूंगा।
और तो और, 5 अगस्त के बाद से पाकिस्तान में गाज़ी और मुजाहिदों की बाढ़-सी आ गई है। हर व्यक्ति सर पर कफन बांधे खड़ा है कि जैसे ही मौका मिले, चढ़ जाए हिंदुस्तान पर, जान दे दे पाकिस्तान के लिए। यह बात अलग है कि जिसने पाकिस्तान के लिए जान देने की बात कही, उसने पाकिस्तान में ही जान दी, वहां की जेल में। इतिहास इन बातों से भरा पड़ा है। एक गाज़ी इनमें एक वो व्यक्ति है जो वहाँ अपनी एक विशेष रंग की टोपी की वजह से मशहूर है। इन्होंने तो सपने में कई बार हिंदुस्तान को हराया होगा। बस इनको बस एक फौज़ की कमी है व इन पर ध्यान देने वालों की, नहीं तो इनके पास हिंदुस्तान फ़तह करने की एक से एक ग़जब युक्तियाँ है। स्टैंड-अप कॉमेडी में इनका कोई सानी नहीं।
जुम्में की नमाज़ के बाद जबरदस्ती लोगों को रोक कर, कश्मीर का और वहां की अवाम का कौन सा फायदा कर रहे हैं ये। वह तरीका भी सुपरफ्लॉप हो गया। अपने कश्मीर पर तो सिर्फ ज़ुल्म ही किया है। परमाणु बम इनके यहां गली-गली में मिलता है। हर कोई हम पर बम फेंकने की बात कर रहा है। अभी तौबा-तौबा वाला रिपोर्टर भी सामने आया और दिल्ली पर बम फेंकने की इल्तिज़ा अपने वजीरेआजम से की। चलो इस बहाने यह फिर सबके सामने तो आ गए, नहीं तो लोग इनको भूल चुके थे। इनके रेलमंत्री के पास पाव-आधे पाव के बम है, कभी भी फेंक सकते है। हालांकि सालों पहले यह एक परमाणु परीक्षण से डर के पाकिस्तान से गायब हो गए थे।
इमरान खान, 5 अगस्त से लगातार ट्वीट किए जा रहे है। पहले ट्वीट किया कि भारत ने बुरा किया, युद्ध होगा, फिर पूरी दुनिया फोन घुमाये, फिर मुस्लिम मुल्कों को बताया, फिर साथ न देने पर सबको एक साथ कोसा। मुस्लिम एकता की बात कही। फिर बोले युद्ध से कोई फायदा नहीं, सिर्फ नुकसान होगा। कौन सी नई बात की? युद्ध की बहुत धमकियों के बाद, शांति की बात भी इमरान ने की, इधर से कोई एक शब्द भी नहीं निकला। खुद ही बोलते-बोलते थक गए। यूएन की कहानी तो खैर अगली बार।
वो आखरी गोली तक, आखरी आदमी तक युद्ध करने की बात कर रहे हैं, आखरी बार ऐसी ही बात ए ए के नियाज़ी ने कही थी, फिर तो जो हुआ वह सदा के लिए इतिहास हो गया। कहने का अर्थ यह है, कि पड़ोसी एक गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त है, जिसे उन्हे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए, जो हालांकि कर रहे है, ताज़ी घटना चंद्रयान को लेकर है। वो सफल होते हुए भी इन्हें असफल दिख रहा है। जिस तरह हमारे पड़ोस के बाशिंदे हरकतें कर रहे है, उनके भविष्य की चिंता मुझे पड़ोसी होने के नाते है। कल को पाक एक दुनिया का सबसे बड़ा पागलखाना बन जाए तो कोई आश्चर्य नहीं है।
शत्रुंजय