Friday, March 29, 2024
HomeHindiऑपरेशन मेघदूत - सियाचीन पर सर्जिकल स्ट्राइक

ऑपरेशन मेघदूत – सियाचीन पर सर्जिकल स्ट्राइक

Also Read

आज से चौंतीस साल पहले 13 अप्रैल 1984 को पाकिस्तान की आईएसआई को मात दे कर भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत के जरिये सियाचीन की चोटियों पर कब्जा जमा लिया था।

सियाचीन दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित जंग का मैदान है जहाँ पर भारत और पाकिस्तान सन चौरासी से लगातार एक दूसरे से जंग लड़ते रहे जब तक की 2003 में दोनों तरफ से सीज़ फायर नही हो गया।

आज भी सियाचीन की चोटियों पर छः हज़ार मीटर की ऊंचाई पर दोनों फौजों का जमावड़ा है एक अनुमान के मुताबिक अब तक दो हज़ार लोग इन ऊंचाइयों पर अपनी जान गंवा चुके हैं।

सियाचीन विवाद की नींव आजादी के कुछ समय बाद ही पड़ गयी थी 1947 की भारत पाकिस्तान जंग के बाद युनाटेड नेशन्स की निगरानी में भारत- पाकिस्तान के बीच सीज़ फायर हुआ और 27 जुलाई 1949 को कंरांची एग्रीमेंट में एक सीज़ फायर लाइन खींच दी गयी, जिसे शिमला एग्रीमेंट में लाइन ऑफ़ कंट्रोल मान लिया गया था। असल गड़बड़ इस सीज़ फायर लाइन में ही थी।

इसे प्वाइंट NJ9842 सियाचीन ग्लैशियर के तलछट तक ही खींचा गया था ये सोच कर कि छः हज़ार फीट पर कौन कब्जा करना चाहेगा। इसी गड़बड़ी का नतीज़ा ये हुआ की भारत और पाकिस्तान दोनों सियाचीन को अपना हिस्सा मानने लगे, अमेरिकी प्रभाव में अंतर्राष्ट्रीय मानचित्रों में सियाचीन ग्लैशियर पाकिस्तान के हिस्से में दिखाया जाने लगा।

सत्तर के दशक में सियाचीन पर अपना प्रभाव मजबूत करने के लिये पाकिस्तान ने कई पर्वतारोही मिशनों को इन चोटियों पर चढ़ने की परमिशन जारी की जिसके जवाब में 1978 में कर्नल नरेंद्र कुमार की निगरानी में एक पर्वतारोही मिशन ने टेराम कांगड़ी 2 की चोटी पर सफल चढ़ाई की।

असल आर्म्ड कांफ्लिक्ट की शुरुआत सन 84 में हुई। सियाचीन पर भारत की बढ़ती हुई सैन्य गतिविधियों को देखकर पाकिस्तान ने बिना देरी किये पूरे ग्लैशियर पर कब्जे का प्लान बना लिया। ऑपरेशन 17 अप्रेल 1984 को शुरू होना था लेकिन जल्दबाज़ी में पाकिस्तान ने एक बहुत बड़ी गलती कर दी।

पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के लिये लंदन के एक सप्लायर से तीन सौ आर्कटिक वेदर सूट्स खरीदे। ये न जानते हुये कि वही सप्लायर भारत को इस तरह की सामग्री उपलब्ध कराता रहा है। नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान के इस ऑपरेशन की जानकारी भारत को लग गयी।

जिसके ज़वाब में भारत ने लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ की कमांड में 13 अप्रैल 1984 को ऑपरेशन मेघदूत लांच कर दिया । जब तक पाकिस्तानी फ़ौजी यंहा पहुंचे तीन सौ के करीब भारतीय फौजियों ने छः हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर महत्वपूर्ण चोटियों सिया ला और बिलाफोंड ला पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद 25 अप्रैल 1984 को सियाचीन पर पहला सशस्त्र संघर्ष हुआ।

इसके बाद चोटियों पर बैठे भारतीय फौजियों को हटाने के लिये पाकिस्तान की तरफ़ से कई बार कोशिश गयी पहले 1987 में ब्रिगेडियर परवेज़ मुशर्रफ के नेतृत्व में जिसमे शुरूआती सफलताओं के बाद पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा और उसकी खुद की एक और पोस्ट पर भारत ने कब्जा कर लिया और इसके बाद 1989 में भी पाकिस्तानी एग्रेशन का कोई नतीजा नही निकला।

2003 से सियाचीन पर सीजफायर है और भारत का इस पुरे क्षेत्र पर कब्जा है।

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular