Saturday, April 20, 2024
HomeHindiहे मोदी-विरोधियों! अपना स्तर उठाओ, भक्त हर स्तर की डिबेट करने को सक्षम है

हे मोदी-विरोधियों! अपना स्तर उठाओ, भक्त हर स्तर की डिबेट करने को सक्षम है

Also Read

अजीत भारती
अजीत भारती
पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी

ये वो दौर है जब खोदने के लिए कुदाल-फावड़े नहीं चाहिए। यहाँ खेत, पहाड़, या समंदर में नहीं जाना होता है। ये वो दौर है जब आपको आपकी हर बात, हर बाइट, हर ट्वीट की याद हो ना हो, जनता को याद रहती है।

इसीलिए, हे मोदी-विरोधियों! तुम जब भी मर्यादा की बात करोगे, दस अमर्यादित बातें हम ढूँढ लाएँगे। यूँ तो तुम्हें कॉन्ग्रेस से कोई प्रेम नहीं लेकिन मोदी से घृणा ने तुम्हें आज मनमोहन और कॉन्ग्रेस को दूध का धुला कहने पर मजबूर कर दिया है।

चूँकि तुम्हारे पास सरकार को घेरने के लिए सिवाय इसके कि ‘ये काम और बेहतर हो सकता था’ कहने को और कुछ नहीं है। तुम सिर्फ ये कह सकते हो कि काले धन के लिए कुछ और भी होना चाहिए। तुम सिर्फ ये कह सकते हो कि शिक्षा का बजट थोड़ा और होना चाहिए। तुम सिर्फ ये कह सकते हो कि डिमोनेटाइजेशन से ही सारा काला धन नहीं आएगा। तुम सिर्फ ये कह सकते हो कि और अस्पताल खोले जाएँ।

तुम्हारे पास मोदी को घेरने के मुद्दे नहीं हैं। तुम ये नहीं कह सकते कि कोयला आवंटन में मोदी सरकार ने इतने लाख करोड़ लूट लिए। क्योंकि ये सरकार हर व्यवस्था को पारदर्शी बनाने पर तुली हुई है। तुम ये नहीं कह सकते कि स्पैक्ट्रम आवंटन में तो इतने लाख करोड़ का चूना लग गया। तुम ये नहीं कह सकते कि सरकार ने हॉस्पिटल बंद करा दिए, सड़कों को गंदा कर दिया, स्कूलों को ढहा दिया… तुम सिर्फ बेहतरी की बात कर सकते हो क्योंकि काम तो सरकार कर ही रही है।

तुम्हारी आशाएँ अब बढ़ गई हैं क्योंकि तुम्हें लगता है कि ये सरकार पिछली से बेहतर है। ये तुम कह नहीं सकते क्योंकि तुमने मोदी नाम के एक व्यक्ति से इतनी घृणा पाल ली है कि अब चाहकर भी अच्छा नहीं बोल सकते। तुम्हें तुम्हारे अपने ही ‘भक्त’ कहकर नकार देंगे। और भक्त सुनना तो तुम्हें अच्छा लगेगा ही नहीं।

यही छटपटाहट है मित्र कि तुम आज मोदी क्या बोल रहा है, उसी पर अपना सारा ज्ञान लगा रहे हो। मोदी ने किसको क्या कह दिया और वो मर्यादित है या नहीं, इस बात पर अपनी ऊर्जा खर्च कर रहे हो। और यहाँ भी तुम्हारा दोगलापन झलकता है क्योंकि तुम उस पार्टी के साथ खड़े हो जाते हो जिसने मोदी को चूहा, मेंढक, दिमाग़ी रूप से दिवालिया, मौत का सौदागर, ज़हर की खेती करने वाला, लुटेरा, बर्बादी लाने वाला, रावण, यमराज, हिटलर, पागल कुत्ता, और भी ना जाने क्या क्या कहा था।

याद रहे, इंटरनेट भूलता नहीं, ना ही भूलने देता है।

तब तुमने मज़े लिए थे। तब तुम हँस रहे थे और मीम शेयर कर रहे थे कि देखो कह के ले ली। तब तुम्हारी मर्यादा का ज्ञान शायद विकसित ना हुआ हो। तब तुम्हारे मुँह पर ताला लगा था क्योंकि वो तो हँसने में व्यस्त था। तब लग रहा था कि ये सारे विशेषण तो मोदी को सूट करते हैं। तब तुमने ठहाके लगाए थे कि किसी ने तो उसे कुछ कहा।

लेकिन आज… हाय रे मजबूरी! लेकिन आज तुम कहाँ खड़े हो? आज तुम्हारे पास सरकार को घेरने को मुद्दे नहीं है। इसीलिए वो क्या पहनता है से लेकर, वो क्या बोलता है पर ही सारा फोकस हो गया है। ये देश के लिए अच्छा है। वैसे तुम लोग लगे रहे। घृणा करने वाले भी चाहिए क्योंकि सिर्फ भक्त हो जाएँगे तो खेल का मज़ा नहीं आएगा। भक्त तभी है जब घृणा करने वाले विरोधी भी हैं।

अपनी घृणा का स्तर उठाकर आलोचना तक पहुँचो, तो भक्तों का भी स्तर उठेगा। वो भी तुम्हें सरकार की उपलब्धियाँ गिनाएँगे। तुम मुद्दों पर बात करोगे, तब तुम्हें वो भी आँकड़े देगा। तुम मर्यादा की बात करोगे तो वो तुम्हें अमर्यादित बातों का पुलिंदा लाकर दे देगा क्योंकि जिस चालाकी से तुम चलते हो, वो आज सबके जेब में रहती है।

टेक अ चिल पिल एण्ड लेट मनमोहन लिव विद हिज़ पास्ट। से हैशटैग ऊह ये एण्ड स्मोक फाइन क्वालिटी वीड फ़्रॉम कसौल… ओह ये!

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

अजीत भारती
अजीत भारती
पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी
- Advertisement -

Latest News

Recently Popular